Saturday, March 31, 2007

डरता नही ज़माने से

जानता हूँ ए दुनीया
मुझे उससे मीलने नही
दोगे
पर क्या कर लोगे तुम दुनीया वाले
हमे मीलने से तो रोक लोगे
हमारी बातचीत को बंद कर्दोगे,पर
मैं पूछता हु ए दुनीया वाले क्या
तुम इस dil को मीलने से रोक सकोगे
क्या तुम रोक सकोगे उन बातो को जो आंखें करती हैं
सच तो यह है की डरता वह है
इस जालीम मक्कार दुनीया वाले से
जीसे दिल का प्यार नही जीस्म की भूख है
और सच्ची मोहबत करने वाले को
जीस्म नही
बस और सीरफ बस
उसके dil का प्यार चाहिए

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